शब्दांचे जादूगार गुलजार - शब्दसुमनांनी बहरलेली एक बाग
लकडी की काठी, काठी पे घोडा
घोडे की दुम पे जो मारा हथोडा
दौडा दौडा दौडा घोडा दुम उठा के दौडा
घोडा पहुँचा बाग मे बाग मे था नाई
घोडेजीकी नाई ने हजामत जो बनाई
टगबग, टगबग,...
घोडा था घमंडी पहुँचा सब्जीमंडी
सब्जीमंडी बरफ पडी थी बरफ मे लग गयी ठंडी
टगबग, टगबग...
घोडा अपना तगडा है देखो कितनी चरबी है
चलता है महरोली मे पर घोडा अपना अरबी है
बाह छुडा के दौडा दौडा दुम उठा के दौडा... पुढे वाचा