इत्तीसी हसीं इत्तीसी खुशी
तारीख
इत्तीसी हसीं इत्तीसी खुशी इत्तासा टुकडा चाँदका
ख्वाबोंके तिनकोंसे चल बनाये आशियाँ...
दबे दबे पावों से आये हौले हौले ज़िन्दगी
होठों पे कुण्डी चढ़ा के हम ताले लगा के चल
गुमसुम तराने चुपके चुपके गायें
आधी आधी बाँट ले आजा दिल की ये ज़मीन
थोड़ा सा तेरा सा होगा थोडा मेरा भी होगा अपना ये आशियाँ...
ना हो चार दीवारें फिर भी झरोखे खुले
बादलों के हो परदे शाखी हरी पंखा झले
ना हो कोई तकरारें अरे मस्ती ठहाके चले
प्यार के सिक्कों से महिने का खर्चा चले.....
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